दोहा पंचक. . . . . प्रहार
दोहा पंचक. . . . . प्रहार
भारत के आघात से, पाक हुआ बेहाल ।
लो सेना ने पाक की, छलनी की हर चाल ।।
गीदड़ भभकी पाक की, कर देंगे नाकाम ।
होगा उसका कल्पना, से बढ़कर अंजाम ।।
कर्जे में डूबा भरे, पाक व्यर्थ हुंकार ।
दम्भी की सामर्थ्य से, परिचित है संसार ।।
भारत अपनी शक्ति का, करता नहीं प्रचार ।
वक्त पड़े तो वेग से, करता तीक्ष्ण प्रहार ।।
नहीं समझना भूल से, भारत को कमजोर ।
अवसर के अनुरूप यह, वार करे घनघोर ।।
सुशील सरना / 9-5-25