देश के प्रेम के , गीत गाने तो दो

ग़ज़ल
देश के प्रेम के , गीत गाने तो दो ,
दस्तगीरी से , हम को लजाने तो दो ।1/
सर कटाना है , सर को कटा देंगे हम ,
कोई सरहद पे , हमको भी जाने तो दो ।2/
देश के प्रेम में , दिल ये पागल मेरा ,
मुझको रोको नहीं , पास आने तो दो।3/
हो बुलंदी पे , फ़ौजों की दीवानगी ,
जीत का जश्न , हमको मनाने तो दो ।4/
ख़्वाब हैं मेरे , हमको शहादत मिले ,
वक़्त पर , अब लहू भी बहाने तो दो ।5/
नील की है , ये चाहत हमेशा से ही ,
रूह के साज़ पर , जाँ लुटाने तो दो ।6/
✍️नील रूहानी…09/05/2025….
नीलोफर ख़ान