जिंदगी अब मुझे रास आती नहीं और मौत से भी क्या अब मैं शिकायत

जिंदगी अब मुझे रास आती नहीं और मौत से भी क्या अब मैं शिकायत करूँ।
दोनों हैं एक जैसी मुझे, किसी से ना मिन्नत अपनी सलामती की करूँ।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”
जिंदगी अब मुझे रास आती नहीं और मौत से भी क्या अब मैं शिकायत करूँ।
दोनों हैं एक जैसी मुझे, किसी से ना मिन्नत अपनी सलामती की करूँ।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”