Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2025 · 1 min read

भारत माता के रखवाले

शेर के समान हैं, भारत माता के रखवाले।
कालों के भी काल हैं, प्राणों को हरने वाले।।

जननी भारत भूमि पर ,यदि शत्रु कदम बढ़ाता है।
हिन्द सेना के हाथों, पल में मारा जाता है।
भारत की सेना के जैसा, दुनिया में न शानी।
हमारी रक्षा के लिए, हँस कर देते कुर्बानी।

कड़ी धूप में सीमा पर, डटे रहते मतवाले।
कालों के भी काल हैं,प्राणों को हरने वाले।।

अपनी वीरता का, जग में झंडा फहराया है।
देश में घुसने वाले, शत्रु को मार भगाया है।
शत्रु सेना के सम्मुख, कभी न सर को झुकाते हैं।
निज वीरता, साहस से, शत्रु को मार गिराते हैं।

भारत माता के प्रहरी, सारे जग से निराले।
कालों के भी काल हैं, प्राणों को हरने वाले।।

प्राण देकर भी अपना, झंडा ऊँचा रखते हैं।
विरोधी गीदड़ भभकी से, कभी नहीं डरते हैं।
एक सिपाही भी अगर, सीमा पर अड़ जाता है।
खौफ खाकर शत्रु सेना दल, पीछे मुड़ जाता है।

कंधे पर डाले बंदूक,कर में थामे भाले।
कालों के भी काल हैं, प्राणों को हरने वाले।।

इनके सम्मुख रण में, कोई नहीं टिक पाता है।
जो भी टकराता है, बेमौत मारा जाता है।
सीमा की रक्षा से बढ़कर, कोई धर्म नहीं है।
देश की सेवा से बढ़कर,कोई कर्म नहीं है।

बाहर से कठोर मगर,दिल के हैं भोले-भाले।
कालों के भी काल हैं, प्राणों को हरने वाले।।

स्वरचित रचना-राम जी तिवारी”राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

Language: Hindi
Tag: गीत
27 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
शिव प्रताप लोधी
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
Poonam Matia
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
किण गुनाह रै कारणै, पल-पल पारख लेय।
किण गुनाह रै कारणै, पल-पल पारख लेय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इश्क़ छुपता नही
इश्क़ छुपता नही
Surinder blackpen
* मैं अभिमन्यु *
* मैं अभिमन्यु *
भूरचन्द जयपाल
माँ जैसा जहाँ में कोई , मिलता है दुबारा,
माँ जैसा जहाँ में कोई , मिलता है दुबारा,
Neelofar Khan
*मुर्गा की बलि*
*मुर्गा की बलि*
Dushyant Kumar
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से
गुमनाम 'बाबा'
सुनो न..
सुनो न..
हिमांशु Kulshrestha
अतीत याद आता है
अतीत याद आता है
Sumangal Singh Sikarwar
आज अचानक फिर वही,
आज अचानक फिर वही,
sushil sarna
औपचारिक सच
औपचारिक सच
Rashmi Sanjay
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
Kalamkash
अमात्रिक
अमात्रिक
डॉ.सतगुरु प्रेमी
“रहना नहीं तुम्हारे बिना
“रहना नहीं तुम्हारे बिना "
DrLakshman Jha Parimal
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
कर्मों का फल यदि नहीं है मिलता
Acharya Shilak Ram
बाबा साहब तेरी महिमा
बाबा साहब तेरी महिमा
Buddha Prakash
बहुत बे'चैन, बहुत
बहुत बे'चैन, बहुत
Dr fauzia Naseem shad
चाहतों का एक कारवाँ
चाहतों का एक कारवाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
ये  शराफत छोड़िए  अब।
ये शराफत छोड़िए अब।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
शराब का सहारा कर लेंगे
शराब का सहारा कर लेंगे
शेखर सिंह
देवर्षि नारद जी
देवर्षि नारद जी
Ramji Tiwari
वह गांव की एक शाम
वह गांव की एक शाम
मधुसूदन गौतम
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
जो दूसरे को इज्जत देते हैं असल में वो इज्जतदार होते हैं, क्य
Ranjeet kumar patre
G
G
*प्रणय प्रभात*
Loading...