Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2025 · 1 min read

अभिमान सीखा है – सजल

अभिमान सीखा है – सजल
समांत- आन
पदांत- सीखा है।

सुनो भाई अभी हमने सजल का गान सीखा है।
दिखाना दुश्मनों को आज हीं पहचान सीखा है।।

अभी तो दौड़ना प्रारंभ है न थकान आएगी।
मिटे हस्ती अगर तो क्या सदा ईमान सीखा है।।

किया हमने कहाँ ऐसा कि हिंदुस्तान सोचेगा।
कफन बांधा निकल आया तिरंगा शान सीखा है।।

दिखाएं आँख कोई तो मिटाना आन भाएगा।
नहीं हमको रहा भय है, लुटाना जान सीखा है।।

पहलगाम अब याद रहे असुर दास्तान सुन पाया।
घुसा घर में पटक मारा रुके जलपान सीखा है।।

हमारे हौसले से आज पाकिस्तान है रोया।
नहीं सिंदूर अपना छोड़ना अभिमान सीखा है।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978

Language: Hindi
18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जो हुनर तुम में , फ़लक पर उसको लाना चाहिए ,
जो हुनर तुम में , फ़लक पर उसको लाना चाहिए ,
Neelofar Khan
वो शब्दों को संजोते हैं , बड़े ही मीठे लहजे से
वो शब्दों को संजोते हैं , बड़े ही मीठे लहजे से
दीपक बवेजा सरल
" न्यारा पूनिया परिवार "
Dr Meenu Poonia
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
पितृ तर्पण
पितृ तर्पण
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उम्मीद ....
उम्मीद ....
sushil sarna
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
Kshma Urmila
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
मैं उन लोगों से उम्मीद भी नहीं रखता हूं जो केवल मतलब के लिए
Ranjeet kumar patre
*निरोध (पंचचामर छंद)*
*निरोध (पंचचामर छंद)*
Rituraj shivem verma
*अहसास*
*अहसास*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्तों में दूरी
रिश्तों में दूरी
Rekha khichi
सुहानी बरसात को तरसोगे
सुहानी बरसात को तरसोगे
अरशद रसूल बदायूंनी
कविता
कविता
Neelam Sharma
The destination
The destination
Bidyadhar Mantry
Here's to everyone who suffers in silence.
Here's to everyone who suffers in silence.
पूर्वार्थ
चरणों में नित शीश झुकाऊं
चरणों में नित शीश झुकाऊं
Ramji Tiwari
हर रात
हर रात
हिमांशु Kulshrestha
जीवन का रंगमंच
जीवन का रंगमंच
Madhuri mahakash
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भुलाना हमारे वश में नहीं
भुलाना हमारे वश में नहीं
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
महिला दिवस विशेष कविता। खोखली मत कर जय जयकार।। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
महिला दिवस विशेष कविता। खोखली मत कर जय जयकार।। रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
समस्या से समाधान तक
समस्या से समाधान तक
शिव प्रताप लोधी
तुझसे मिलने का मन करता🫶
तुझसे मिलने का मन करता🫶
Vansh Agarwal
कितने दोगले लोग है, लड़की देनी है जमीन वाले घर में लेकिन लड़
कितने दोगले लोग है, लड़की देनी है जमीन वाले घर में लेकिन लड़
पूर्वार्थ देव
आज हमको लगी खबर कुछ कुछ
आज हमको लगी खबर कुछ कुछ
नूरफातिमा खातून नूरी
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शून्य
शून्य
Roopali Sharma
sp15 जो ब्रह्म कमंडल से
sp15 जो ब्रह्म कमंडल से
Manoj Shrivastava
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
Loading...