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8 May 2025 · 1 min read

नमन मंच

नमन मंच
सृजन सरोवर
कुंडलिया दिवस
8-5-25

राहें कच्ची गाँव की, कहती सच्ची की बात ।
काली सड़कें दे रहीं, अनबोले आघात ।
अनबोले आघात , खेत अब लगते सूने ।
कभी- कभी झंकार, कान को लगती छूने ।
कह ‘ सरना ‘ कविराय, बात मैं बोलूँ सच्ची ।
सच्ची करतीं बात, गाँव की राहें कच्ची ।

सुशील सरना / 8-5-25

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