हिंदी दोहे बिषय- चाह

#हिंदी #दोहे- #चाह
#राना रखता चाह है,जय बुंदेली मंच।
कृपा सदा देते रहें,शंकर महा विरंच।।
#राना यह भी सोचता,बिना चाह कब राह।
यह मन का संकल्प है,चाहें ईश पनाह।।
बनती अपनी चाह से,आगे की भी राह।
#राना दृड़ संकल्प हो,मिलती सदा पनाह।।
चाह रखो सब शुभ सदा,#राना सुंदर कर्म।
जीवन है तब सार मय,पास रहेगा धर्म।।
चाह रखो मत वाह की,कर्म करो बस आप।
दुनिया देखे आपकी,#राना सुंदर छाप।।
*** दिनांक -6.5.2025
✍️ #राजीव_नामदेव”#राना_लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘अनुश्रुति’त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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