चरण वंदन - विधाता छंद
चरण वंदन
सजाया नेह से आंगन, हमारी मात है भायी।
भुजा आशीष की लायी, वरद हस्ता बनी मायी।
झुकाया शीश जो हमने, चरण की धूल है पायी।
निभायी है वचन माता, हमारे गेह है आयी।।
पखारा अश्रु से पग को, किया हमने चरण वंदन।
लिया रज को उठा हमने, लगाया माथ पर चंदन।
मिला सौभाग्य है हमको, मिटा संताप का क्रंदन।
रखा पग मात ने जबसे, बने हम मात के नंदन।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978