हिन्द सेना के जवान
हिन्द सेना के जवान, अतुलित बलवान।
केवल हुंकार से ही,पाक डर जाएगा।
बढ़ा यदि तन कोप,दाग़ सीना देंगे तोप।
बस एक वार में ही,पाक मर जाएगा।
उठी यदि तलवार,करेगी शत्रु संहार।
एक-एक वीर कई, प्राण हर जाएगा।
बोलो नहीं बड़ बोल, नहीं देंगे बाँध खोल।
भारी जल वेग तेरा,मिट घर जाएगा।।
रिश्ते में हैं तेरे बाप,हम हवा, तुम भाप।
मारेंगे यदि फूँक तो,आप उड़ जाएगा।
करो नहीं तकरार,सर खून है सवार।
हमसे लड़ना तुझे,भारी पड़ जाएगा।
मेरी सेना के जवान, सारे केशरी समान।
एक वीर भारी होगा,यदि अड़ जाएगा।
चलो नहीं कोई चाल, नहीं होगा बुरा हाल।
तेरी ओर यदि तोप,मुख मुड़ जाएगा।।
होगी नहीं कोई चूक, देंगे पल घर फूँक।
गीदड़ भभकी किसी, और को दिखाइए।
देंगे यदि सेना छूट, मारें तुझे कूट -कूट।
सियार,श्वान फौज से, हमें न डराइए।
रही नहीं तन खाल,बचे नहीं सर बाल।
हाल बुरा देश का है,इसको बचाइए।
बचे नहीं मुख दाँत,रही नहीं पेट आँत।
नौजवान हिन्द का न,बल आजमाइए।।
स्वरचित रचना-राम जी तिवारी”राम”
उन्नाव (उत्तर प्रदेश)