मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
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सृजन शब्द – गणतंत्र
गणतंत्र की है धूम,
जन-जन रहा झूम,
पावन तिरंगा चूम,
खुशियाँ मनाइए ।
भारत माँ की ये शान,
करो सदा तुम मान,
छेड़ कर सुर तान,
भक्ति गीत गाइये।
हर्ष उत्सव मनाओ,
मंगल गायन गाओ,
देश अखंड बनाओ,
एकता बनाइये।
सोने की चिड़िया देश,
अलग सबके वेश,
जान करें हम पेश,
देश प्रेम चाहिए।
सीमा शर्मा ‘अंशु’