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3 May 2025 · 1 min read

मैं लफ्ज़ों का सौदागर हूँ, एहसासों का सौदा करता हूँ,

मैं लफ्ज़ों का सौदागर हूँ, एहसासों का सौदा करता हूँ,
ख़ुद जख़्मी दिल से लिखकर, दुनिया के दिल को पढ़ता हूँ।
👑Kaviraaj-e-Hind✍️✍️

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