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2 May 2025 · 1 min read

#वंदन_अभिनंदन

#वंदन_अभिनंदन
जगतगुरू की जयंती पर
“जीव जगत जगदीश त्रय, एक रूप इक सार।
आद्य शंकराचार्य कृत, यह अद्वैत विचार।।”

समग्र अद्वैत वेदांत दर्शन का सार एक दोहे में समाहित करने के छोटे से प्रयास के साथ आज वैशाख शुक्ल पंचमी (02 मई 2025) को सत्य सनातन धर्म संस्कृति के ध्वजवाहक, अद्वैत दर्शन और वेदांत के युग प्रवर्तक व चार दिशाओं में चार पीठों (मठों) के संस्थापक जगतगुरू आद्य शंकराचार्य भगवान को 1237वीं जयंती पर कोटि कोटि नमन।
(प्रणय प्रभात)
संपादक/न्यूज़&व्यूज

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