आओ मिलकर अक्षय तृतीया मनाये
आओ मिलकर हम सब।
आज अक्षय तृतीया मनाये।।
अपने गुनाहों की कर लें।
ईश्वर से क्षमा याचना।।
ग़लती से या जानबूझकर।
अगर दिल किसी का दुखाया हो।।
हे ईश्वर क्षमा करना अगर हमसे।
मन किसी का मुरझाया हो।।
आज ही के दिन परशुराम ने।
दसांवाअवतार ले जन्म लिया।।
आज ही के दिन वेद व्यास ने।
महाभारत लिखना प्रारंभ किया।।
आज ही के दिन गंगा मइया।
धरती पर अवतरित हुई।।
आज ही के दिन त्रेता युग की।
इस जग में शुरुआत हुई।।
आज ही के दिन, ग़रीब सुदामा ने।
मित्र कान्हा को भोजन कराया।।
बदले में कभी न ख़त्म होने की।
धन-दौलत ऐश्वर्या पाया।।
आज ही के दिन अक्षय पात्र दे
श्री कृष्ण ने दिया वरदान।।