सेक्युलर
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
पत्थर खाते रहे आजतक, फिर भी फूल बरसाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
दर्द मिले हमको हैं इतने, फिर भी कूल दिखलाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
संघ बुरा बजरंग बुरा, फिर भी गीत यही हम गाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
देश बाटकर बसे यहा पर, फिर भी हम अपनाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
नही रहे हम हिन्दू बनकर, ना सनातनी हो पाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
अपने ही अपनो को बाटे, इतिहास भूल हम जाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
लव जिहाद मे कटती बेटी, फिर भी हम अपनाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ देखो, कैसा हमको खाए रे।
बटा देश और काटे हम ही, फिर भी सब भूल जाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
जमीन जिहाद से हड़पी भूमि, फिर भी हम मुस्काए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
देश हमारा गया हाथ से, फिर भी हम इतराए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
कबूतर जैसी बन्द हैं आँखे, बिल्ली मन ही मन ललचाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसा हमको खाए रे।
करे गुलामी आज भी इनकी, फिर भी ना शर्माए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसे हम को खाए रे।
ललकार पुकारे आज सभी को, अब तो अलख जगाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसे हम को खाए रे।
करे विरोध एकजुट होकर, तब ही कुछ हो पाए रे।।
सेक्युलर वाला कीड़ा देखो, कैसे हम को खाए रे…