हे सब कुछ नजरों के सामने ही मगर

हे सब कुछ नजरों के सामने ही मगर
हे क्या अहमीयत अपनी
वास्तव में वो हमें नजर नही आती।
कौन सी परदा-दारी हे तेरे चहरे पर
तेरी मुस्कुराहट में, वो धोखे बाजी नजर नही आती।
हे तु भी कातिल मगर
तेरी खुबसूरती के आगे, वो कातिल निगाहें
नजर नही आती।
दीवानें हो गये हे लाखों तेरे प्यार में मगर
वो प्यार वाली बातें तुझमें कही नजर नही आती।