मुझे उठाने वाले कहाँ जा कर सो गए हो तुम।
मुझे जगाने वाले बोलो कहाँ जा कर सो गए हो तुम।
प्यार जता कर किस दुनिया की गलियों में खो गए हो तुम।।
चाय तो रोज़ साथी बन कर मुझको आ जगाती है।
पर तुम्हारी आवाज़ दूर दूर तलक से भी नहीं आती हैं।।
मधु गुप्ता “अपराजिता”