कविता का शीर्षक है

कविता का शीर्षक है
यामिनी
यामिनी शुभ गामिनी हूं
पूर्णिमा की यामिनी हूं
सत्यपथ दामिनी हूं पूर्णिमा की यामिनी
काली मां की गोद में चमकी चंद्रमा की चांदनी
अंधकार की राहों में दुख की काली राहों में
चांद से लेकर रोशनी
चंपू सदा का ले गगन में
हुं मैं निश्चल प्रेम की सरिता
स्वर्गीय प्रभावरी झा जी द्वारा रचित कविता