मेरी खुशी का राज
पूछा जो किसी ने खुशी का राज,
कह दिया मैने जन्मदिन है आज।
यही वो दिन है जन्मी मै धरती पर,
लेकर रूप एक साधारण सा इंसान।
कृपा ईश्वर की सौभाग्य मेरा,
जो मिला ये अवसर खास।
की देखू आंखों से अपने ईश्वर,
और कानों से सुनू भजन कीर्तन।
नाक से सुगंध पुष्पों की लू,
जो ईश्वर के चरणों में समर्पित करू।
की जीभ से लू चरण अमृत का स्वाद,
और मुख वाणी से बाचू ईश्वर लीला संवाद।
बुद्धि से समझूं ईश्वर का राज,
मन से करू ईश्वर पर विश्वास।
इच्छा से ईश्वर को पा जाऊं,
सारे भावों से ईश्वर को नित ध्याऊं।
अपने दिल में सुनू ईश्वर की आवाज,
अपनी आत्मा में देखू ईश्वर की झलक आज।
ये मेरे सोच, विचार, व्यवहार समर्पित करू,
सब ईश्वर के चरणों में अर्पित करू।
की ये है मेरे पुण्य कर्मों का सौभाग्य,
मुझे ईश्वर ने दिया मनुष्य जन्म आज।
बारम्बार करू मै यही आगाज,
की ये दिन है मेरे लिए अनमोल और खास।
करना कृपा इस भक्त पर,
देना अनंत प्रेम भक्ति, श्रद्धा और विश्वास।
कर लू इसी जन्म में आत्म साक्षात्कार,
मिले परम् ज्ञान, रखना अपने चरणों के पास।
पूछा जो किसी ने खुशी का राज,
कह दिया मैने जन्मदिन है आज।
यही वो दिन है जन्मी मै धरती पर,
लेकर रूप एक साधारण सा इंसान।
स्वरचित मौलिक रचना
सनातनी दिव्यांजली वर्मा
अयोध्या उत्तर प्रदेश