बहुत कुछ गवा दिया, ए ज़िन्दगी तेरे साथ व्यस्त होकर,

बहुत कुछ गवा दिया,
ए ज़िन्दगी
तेरे साथ व्यस्त होकर,
अब कुछ वक्त जी लू…
अपनों में…
उम्र का क्या भरोसा,
घटने लगी है अब..
क्या मालूम अपनों में बिताए पल कुछ लंबे चले…
बहुत कुछ गवा दिया,
ए ज़िन्दगी
तेरे साथ व्यस्त होकर,
अब कुछ वक्त जी लू…
अपनों में…
उम्र का क्या भरोसा,
घटने लगी है अब..
क्या मालूम अपनों में बिताए पल कुछ लंबे चले…