Robot and Power

Robot & Stone GOD
मनुष्य ने जाना और पहचाना,
ज्ञान को प्रायोगिक कड़ी से जोड़ा,
रोबोट को आप स्वचालित मशीनी आकार न समझे,
मनुष्य ने इसे मानव आकार देकर,
गुरूत्वाकर्षण बल के साथ सामंजस्य बिठा दिया,
रोबोट के भौतिक आकार के अधिक,
उसके क्रियाशील यानि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग है,
……..
रिमोट सेंसिंग /कंट्रोल – आवाज, छाया, तरंगों के साथ साथ डिजिटल कंडीशनिंग
के माध्यम से होता है,
……
चिप के प्रयोग और उसकी उपयोगिता को दर्शाता है,,
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मनुष्य के चैतन्य का सर्वोत्तम उदाहरण है,
जिसे कोई धार्मिक व्यक्ति – यह सिद्ध नहीं कर सकता, कि रोबोट तथाकथित भगवान या प्रकृति द्वारा संचालित होता है,,
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कोई भी धार्मिक स्थल – मानव निर्मित है,
मगर धार्मिक धंधेबाज – काल्पनिक कथा कहानियों से एक मूर्ति को भगवान सिद्ध करने में सक्षम हो जाते है,
……..
मनुष्य सोच सकता है !
उसके अनुरूप काम कर सकता है !
सृजन, पालना और विध्वंस कर सकता है !
रोबोट के अपने नियमित कर्म नहीं है,
वह बिजली से संचालित होता है,
वही उसका भोजन,
वह यांत्रिक अभिक्रिया का एक उपकरण है,
…।।…
फिर मनुष्य एक पत्थर की मूर्ति से ..
मनोबल लेता है,
जो उसका अपना है मतलब मनुष्य का,
जीवन अर्थ जीव की अपनी सत्ता,
जैसे वह भोजन लेता है,
सांस लेता है,
मल मूत्र त्याग करता है,
अपना संवर्धन करता है,
उष्मज है,
परजीवी है,
अण्डज है,
जरायुज हैं,,
……..
मानवीय मूल्यों को सिंचित करें,,
दया /करुणा /शील /अहिंसा को का प्रसार करें,
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किसी भी तथाकथित भगवान /ईश्वर / अल्लाह / मसीह को आपके पशु, पक्षी, मछली या मनुष्य होने से फर्क नहीं पड़ता,
यह प्रकृति और उसके यथोचित रचनात्मक संगठन, और क्रियाशील आकार के कारण है,
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धरती के गुरुत्वाकर्षण बल की खोज से पहले भी जीव और जीवन था,
चार्स डार्विन की इवोल्यूशन सिद्धांत से
बुद्धि और मानवीय सभ्यता को गति मिल सकी,,
कमजोर का सहारा बने,
Mahender Singh