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21 Apr 2025 · 1 min read

पैगाम ए मुहब्बत

पैगाम ए मुहब्बत

आप कब करोगे इजहार ए मोहब्बत।
न जाने कब देखोगे मेरी चाहत।
हर लम्हा तुझे देखने को तरसते है।
अपना लो मेरी पैगाम ए मोहब्बत।।

स्वरचित – कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.

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