विश्व पृथ्वी दिवस

जंगल काट रास्ते हमीं ने बनाये
जीव जंतु के घरोंदे हमीं ने मिटाये
जहां कभी होती थी हरियाली घनेरी
वहां पत्थर कंक्रीट हमीं ने बिछाये
गंगा यमुना को दूषित हमीं ने किया है
हिमाचल संक्षारित हमीं ने किया है
ना हवा साफ ना पानी ही साफ है क्यूंकि
पर्यावरण का सौदा हमीं ने किया है
बलखाती नदियों को हमने ही रौंदा
ऊंचे सुंदर पहाड़ों को हमने ही खोदा
इतने खुदगर्जी में मदमस्त हुए कि
विस्फोटों से धरती की परतों को नोंचा
अब भी समय है अब तो बचा लो
संसाधनों का दोहन अब तो हटा लो
ये मां है हमारी अन्नदायी धरा है
पेड़ लगाके इसे अब तो बचा लो