Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Apr 2025 · 1 min read

ऐसा दिन नहीं ऐसी रात नहीं

ऐसा दिन नहीं ऐसी रात नहीं

ऐसा दिन नहीं ऐसी रात नहीं।
ना गाये हम तेरा फसाना।।

पाणी तक पिना हमे गँवारा।
गर जुबाँपर नाम ना आये रोजाना।।

सुरत में हमारे तुम ही तुम दिखे।
जब जब देखते हैं आईना।।

जिंदा तो तेरे लिए ,वर्णा लाश हम।
तेरे लिए ,दिल का धडकना रोजाना।।

लोग बातें करते हैं, बहकी बहकी।
दिल पे ना हम लेंगे ,ना आप लेना।।

कभी ना कभी, ये सारे लोग।
सुनायेंगे ,तेरा मेरा सच्चा फसाना।।

रब से यही दुआ करते हैं हम।
तेरा साथ मिल जाये रोजाना।।

ना जमाने से डरो ना जमाने की सुनो।
हम से मिलने आया करो रोजाना।।

स्वरचित – कृष्णा वाघमारे, कुंभार पिंपळगाव, ता. घनसावंगी जि. जालना 431211, महाराष्ट्र.

Loading...