जाति मजहब भाषाओं पर, देश का किया कबाड़ा
जाति मजहब भाषाओं पर, देश का किया कबाड़ा
टुकड़े टुकड़े बांट दिया, पिला अलगाव का काढ़ा
वोट के नाम पर बांट रहे हैं,ले ले कर अब भाड़ा
नेताओं ने कुर्सी के खातिर, भारत का गणित बिगाड़ा
बांटते रहते हैं फिरकों में,टी वी पर बजा नगाड़ा
वहता रहता है सड़कों पर, जनता का लहू गाड़ा