“मेरे नाम”

“मेरे नाम”
कुछ अनकही बातें अनसुनी ही रह जाती हैं। इसलिए कह रहा हूँ। …मुझे नहीं पता कि 60 पुस्तकें प्रकाशित होने पर किन-किन क्षेत्रों में कितने रिकार्ड बने हैं। लेकिन इतना तो तय है कि जब भी विदाई की बेला आएगी, मेरे नाम सैकड़ों रिकार्ड होंगे और दुनिया के श्रेष्ठ लेखकों में मेरी गिनती होगी। जय साहित्य…।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति