तुम ही कन्हैया मेरी सांस में रहती
तुम ही कन्हैया मेरी सांस में रहते
मुझ में लहू बनकर तुम बहते
मैं नाड़ी हूं तुम धड़कन हो
मैं फुलवारी तुम उपवन हो
तुम बिन जीना है अब मुश्किल
मरना रे आसान हो
जब कहते हो अब चलते है
जाती है मेरी जान हो
हमको कन्हैया तुम ना भुलाना
जन्मोजन्म तक साथ निभाना
तुम ही नदियां तुम ही खिवैया
तुम ही सूरज तुम ही जुंदैया
सारी खुशियां तुम बिन अधूरी
तुम मेरी पतवार हो
जाओ कन्हैया मस्त रहो तुम
खुश तेरा परिवार हो
✍️कृष्णकांत गुर्जर