प्रेरक प्रसंग
अभी पांच दिन पहले की बात है कि मेरी कालोनी में किसी परिवार मे किसी बुजुर्ग का देहांत हो गया l पेशे से वे सब्जी बेचते हैं l कुछ दिन पहले ही उनका मकान बैंक ने सील कर दिया क्योंकि वे बैंक का प्रीमियम भरने मे सक्षम नहीं थे l इसी बीच उन्हैं इस दुख की घड़ी में देख मुझे बहुत दुख हुआ l
सुबह मुझे जब इस घटना का पता चला तो मेरी आत्मा को बहुत कष्ट हुआ l मैंने कालोनी के ग्रुप में एक संदेश लिखा कि शायद बुद्धिजीवी वर्ग के भीतर की सहृदयता और मानवता पूर्ण सोच से इस परिवार को कोई आर्थिक मदद मिल सके l
थोड़ी ही देर बाद ग्रुप में लोगों ने मेरी बात का समर्थन करना शुरू कर दिया और दो धंटे के भीतर ही अठारह हजार रुपये संग्रहित हुए l उस दुख के क्षोभ मे उस परिवार के लिए यह राशि मदद के लिए काफी थी l सभी इस उत्तम कार्य से खुद को मानव होने के सत्य से अवगत कर खुश हो रहे थे l
एक छोटा सा प्रयास किसी के जीवन में खुशियां भरने के लिए काफी है l