Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2025 · 1 min read

#अर्थनीति

#अर्थनीति
एक रात के दिखावे के लिए मंहगे होटल में कोई भी कार्यक्रम करने का एक फायदा यह है कि आप बचा हुआ खाना पीना मुफ़्त में ग़रीबों को बांटने के बजाय बेच कर चार पैसे बचा सकते हैं।।
😂प्रणय प्रभात😂
#Economic_policy
One advantage of organising any programme in an expensive hotel for a one night show is that you can save some money by selling the leftover food and drinks instead of distributing it to the poor for free.
😂Pranay Prabhat😂

Language: Hindi
1 Like · 34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
Neelofar Khan
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
Dr Archana Gupta
🙅आग्रह🙅
🙅आग्रह🙅
*प्रणय प्रभात*
समय ही तो हमारा जीवन हैं।
समय ही तो हमारा जीवन हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
बड़ा काफ़िर
बड़ा काफ़िर
हिमांशु Kulshrestha
भोले
भोले
manjula chauhan
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग
दीपक बवेजा सरल
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
Post by pen, identity by post, Shyam Sundar Patel's new flight in politics
Post by pen, identity by post, Shyam Sundar Patel's new flight in politics
Shyam Sundar Patel
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
*कौन जाने जिंदगी यह ,जीत है या हार है (हिंदी गजल)*
*कौन जाने जिंदगी यह ,जीत है या हार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
आप जरा सा समझिए साहब
आप जरा सा समझिए साहब
शेखर सिंह
हम करें तो...
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
होली का त्यौहार
होली का त्यौहार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
3993.💐 *पूर्णिका* 💐
3993.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
रो रहा हूं में अक्सर उन्हें याद कर,
रो रहा हूं में अक्सर उन्हें याद कर,
कृष्णकांत गुर्जर
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
मुझसे बुरा इंसान कोई नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
दोहे
दोहे
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
माँ -एक अहसास
माँ -एक अहसास
शशि कांत श्रीवास्तव
सत्तर की दहलीज पर!
सत्तर की दहलीज पर!
Jaikrishan Uniyal
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
जनता मारेगी कोड़ा
जनता मारेगी कोड़ा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
कागज कोरा, बेरंग तस्वीर
कागज कोरा, बेरंग तस्वीर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
राम गीत 2.0
राम गीत 2.0
Abhishek Soni
कह दो हँसकर अलविदा तुम(अलविदा 2024)
कह दो हँसकर अलविदा तुम(अलविदा 2024)
gurudeenverma198
Loading...