विषधर को दूध पिलाकर भी हम मानवीय संवेदना प्रस्तुत करते हैं प
विषधर को दूध पिलाकर भी हम मानवीय संवेदना प्रस्तुत करते हैं परन्तु इसका यह मतलब तो नही कि हम उस विषधर का फन कुचल नही सकते। उसी प्रकार हम सभी का सम्मान करते है विपत्ति के समय सहयोग, सहायता और शरण भी देते हैं परन्तु जब वह विषधर बन कर हम पर आघात करने का प्रयास करने लगे तो एक-दो बार ही क्षमा करते हैं फिर तो अपनी और धर्म की रक्षा की खातिर उस विषधर के फन को कुचल देते हैं…🙏🏃🏻♂️तैयार और तत्पर तो हमे रहना होगा। धर्मो रक्षति रक्षितः रोटी कपड़ा और मकान के साथ साथ धर्म की भी चिंता करें क्योंकि, जहां धर्म कमजोर होता हैं वहा रोटी छीन ली जाती हैं, कपड़े फाड़ दिए जाते हैं और मकान जला दिए जाते हैं। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम्… भारत माता की जय 🚭‼️