वक्त का अभाव

घनाछरी छंद
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राज आज हर आदमी बहुत ज्यादा व्यस्त है,
काम की अधिकता या समय का प्रभाव है।
हर समय सोक संतृप्त अवसाद से घिरा हुआ,
पता नहीं किस कार्य का इतना दबाव है।
मैंने मित्र से कहा यार तुम मिला करो,
बैठकर करेंगे बात ऐसा क्या दुराव है।
चार घण्टे रील देखने के बाद बोला,
भइया मेरे पास वक्त का अभाव है।।
~राजकुमार पाल (राज) ✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)