Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2025 · 1 min read

जा रही दूर तू मेरे संसार से,

जा रही दूर तू मेरे संसार से,
कैसे कर दू विदा मैं तेरी प्यार से
संग संग तू रही पढ़ी प्यार से,
जीत में संग खड़ी तू लड़ी हार से
आज मुझसे बिछड़ने का वादा न कर,
तेरे बिन क्या करूं कैसे जाऊं किधर
अब ये भरता नही मन तुझे देख कर,
तेरे बिन क्या करूं अब में जाऊं किधर
संग जब जब रहे दिल को मिलता सुकूं ,
जीत तुझ बिन नही हार कैसे सकूं
संग तेरे में कांटो पे चलता रहा,
अब में कैसे चलूं गिरके कैसे उठूं
✍️कृष्णकांत गुर्जर

48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

- रिश्ते व रिश्तेदारों से हारा हु -
- रिश्ते व रिश्तेदारों से हारा हु -
bharat gehlot
उपहार
उपहार
Sudhir srivastava
संघर्ष (एक युद्ध)
संघर्ष (एक युद्ध)
Vivek saswat Shukla
थैंक्यू जान
थैंक्यू जान
पूर्वार्थ
*प्रभु भारत मॉं के माथे पर, सर्वदा सजे विजयी टीका (मुक्तक)*
*प्रभु भारत मॉं के माथे पर, सर्वदा सजे विजयी टीका (मुक्तक)*
Ravi Prakash
" मन मेरा डोले कभी-कभी "
Chunnu Lal Gupta
कर्म
कर्म
लक्ष्मी सिंह
सब तमाशा है ।
सब तमाशा है ।
Neelam Sharma
आत्म जागरूकता कोई उपलब्धि हासिल करना नहीं है, बस आप स्वयं को
आत्म जागरूकता कोई उपलब्धि हासिल करना नहीं है, बस आप स्वयं को
Ravikesh Jha
The new normal- Amidst the Pandemic
The new normal- Amidst the Pandemic
Deep Shikha
" फलसफा "
Dr. Kishan tandon kranti
तुझको मैंने दिल में छुपा रक्खा है ऐसे ,
तुझको मैंने दिल में छुपा रक्खा है ऐसे ,
Phool gufran
मरूधरां
मरूधरां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
एहसासों का जब से मेरे मन में चीखना जारी हैं,
एहसासों का जब से मेरे मन में चीखना जारी हैं,
jyoti jwala
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
पहाड़ की होली
पहाड़ की होली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
4053.💐 *पूर्णिका* 💐
4053.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
Shweta Soni
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
इश्क़ ज़हर से शर्त लगाया करता है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*गाथा बिहार की*
*गाथा बिहार की*
Mukta Rashmi
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
बाप की
बाप की "सियासत का ठेका" बेटा चलाएगा। मतलब बरसों से लाइन में
*प्रणय प्रभात*
शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे!
शीर्षक -क्यों तुमसे है प्रेम मुझे!
Sushma Singh
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
Family.
Family.
Priya princess panwar
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
कुछ पाने की चाह
कुछ पाने की चाह
Kaviraag
कौन नहीं बदला _
कौन नहीं बदला _
Rajesh vyas
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
Loading...