Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
17 Apr 2025 · 1 min read

क्षणिका

क्षणिका

सूख जाते हैं
अश्क आँखों के
आजकल
बहने से पहले
शायद
रीत गई हैं
संवेदनाएँ
रिश्तों में दर्द की

सुशील सरना /17-4-25

Loading...