क्षणिका
क्षणिका
सूख जाते हैं
अश्क आँखों के
आजकल
बहने से पहले
शायद
रीत गई हैं
संवेदनाएँ
रिश्तों में दर्द की
सुशील सरना /17-4-25
क्षणिका
सूख जाते हैं
अश्क आँखों के
आजकल
बहने से पहले
शायद
रीत गई हैं
संवेदनाएँ
रिश्तों में दर्द की
सुशील सरना /17-4-25