जंगल ...

नदियों का गीत झरनों की झंकार जंगल में
पंक्षी गाते हैं मल्लार जंगल में
हवाएं सुर सजाए जंगल में
प्रकृति का हरित श्रृंगार जंगल में
मस्त हो झूमे गजराज जंगल में
कस्तूरी ढूंढते हैं कुरंग जंगल में
प्रकृति का उपहार जंगल में
ये जल ये वन ये व्योम जंगल में
मिले हैं औषधियों के भंडार जंगल में
आदि से मानव बने जंगल में
नित नूतन सृजन जंगल में
हे ईश्वर का प्रतिबिम्ब जंगल में
मन सुख जीवन का सार जंगल में
ऋषियों ने पाया ध्यान ओर ज्ञान जंगल में
इसी जंगल में हरि ने प्राण तजे
हरि की है एक एक सांस जंगल में
सुशील मिश्रा ‘क्षितिज राज’