चीटिंग भरी शराब ने

ग़ज़ल
चीटिंग भरी शराब ने, फिर से सबको हिला दिया ,
मस्जिद , मंदिर , विद्यालय को ताला दिखा दिया ।1/
अंधेर हुआ नगर , नगर , देश हुआ फिर चौपट ,
हरियाली से देश भरा था , जाला लगा दिया ।2/
कलयुग के कर्ताओं ने , ये कैसे काम किये ,
आपदा , महामारी कह कर , साला डरा दिया ।3/
भूल गया है दान – धरम , भिक्षा को संसार ये ,
पूंजी अपनी देता फिरता , छाला सजा दिया ।4/
आंधी थी आधुनिकता की ये , कैसे खेल किये ,
साफ़ चमकती नदियों को भी नाला बहा दिया ।5/
रोटी के बदले कैप्सूल है , कैसा आया युग ,
खेत किये वीरान , किसान को लाला बना दिया ।6/
कैद किया हवा को उसने , सांसों को भी छीना ,
‘नील’ छीन ली थाली सब की , निवाला थमा दिया ।7/
✍️नील रूहानी … (नीलोफर ख़ान )
नोट _ ये ग़ज़ल 2020 , कोरोना के समय लिखी थी ।