( मुसाँस गीत)

आगे सभ्य समाज बढ़ेगा
अद्भुत काम मुसाँस करेगा
संस्कृति की जो मिली धरोहर
रखनी है वो सदा बचाकर
लेकर सँग ये सोच चलेगा
अद्भुत काम मुसाँस करेगा
सामाजिक गतिविधियाँ होंगी
सार्थक काव्यगोष्ठियाँ होंगी
देशप्रेम का रस बरसेगा
अद्भुत काम मुसाँस करेगा
मानवता का धर्म निभाना
सेवा को ही कर्म बनाना
अपने पथ से नहीं डिगेगा
अद्भुत काम मुसाँस करेगा
आशाओं के दीप जलाकर
कहते हैं हम शपथ उठाकर
सदा समर्पण भाव रहेगा
अद्भुत काम मुसाँस करेगा
डॉ अर्चना गुप्ता
16.04.2025