Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2025 · 1 min read

साहित्य के बालम का इंतजार है,

साहित्य के बालम का इंतजार है,
तुमसे लिपटे हुए हंसी के ये बूंद बारिश में जो हैं।
मेरे खानदान का खून तेरे अम्बर के पानी में या फिर आंगन के पानी हो।
ओशो के जाहिर लीना के धुन की प्यासे कवि के माखन में लिपटे कविता के जज्बात जैसे।
प्रेम गीत की कविता कलश में प्रभावित प्रमाण हो,
मेरे लिए तो तुम साहित्य संगम से जुड़ा हुआ साहित्य कविता का एक नया अध्याय का सरल परिचय हिंदी कलश प्रभाव हो।

– बाबिया खातून

1 Like · 39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बेटी
बेटी
डिजेन्द्र कुर्रे
आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन
आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन
Baldev Chauhan
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
gurudeenverma198
घायल
घायल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
हैं जो हाथ में,लिए नमक शैतान .
हैं जो हाथ में,लिए नमक शैतान .
RAMESH SHARMA
बेटीयांँ
बेटीयांँ
Mansi Kadam
"क्षमादान"
Dr. Kishan tandon kranti
चौपाला छंद:- मातु महा गौरी स्तुति
चौपाला छंद:- मातु महा गौरी स्तुति
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
प्रथम अमृत स्नान का महत्व
प्रथम अमृत स्नान का महत्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
Ram Krishan Rastogi
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
©️ दामिनी नारायण सिंह
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
रुहानियत और इंसानियत संग संग(पंजाबी में) 18)
रुहानियत और इंसानियत संग संग(पंजाबी में) 18)
Mangu singh
सु
सु
*प्रणय प्रभात*
यूं कौन जानता है यहां हमें,
यूं कौन जानता है यहां हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्यूँ मन है उदास तेरा
क्यूँ मन है उदास तेरा
योगी कवि मोनू राणा आर्य
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
पूर्वार्थ
जाति
जाति
Adha Deshwal
जिक्र
जिक्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
संविधान के पहरेदार
संविधान के पहरेदार
Shekhar Chandra Mitra
प्राण प्रतिष्ठा या मूर्खता..??
प्राण प्रतिष्ठा या मूर्खता..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
तन्हाई को तोड़ कर,
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
बेवफाई
बेवफाई
विशाल शुक्ल
वक्त को जिसने खोया है ।
वक्त को जिसने खोया है ।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...