Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Apr 2025 · 1 min read

*श्रीमती पुष्प लता कपूर: शत-शत नमन (कुंडलिया)*

श्रीमती पुष्प लता कपूर: शत-शत नमन (कुंडलिया)
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
गाई मॉं की भूमिका, जीवन-भर अविराम
पुष्प लता जी को नमन, सौ-सौ बार प्रणाम
सौ-सौ बार प्रणाम, धैर्य मॉं तुमने पाया
दूरदर्शिता युक्त, दिव्य आलोक समाया
कहते रवि कविराय, राह सात्विक दिखलाई
सदा सुमति आत्मीय, भावना तुमने गाई

31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

महिला दिवस विशेष दोहे
महिला दिवस विशेष दोहे
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
Life can change in an instant. The scariest part? You never
Life can change in an instant. The scariest part? You never
पूर्वार्थ
कुर्बानी!
कुर्बानी!
Prabhudayal Raniwal
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
दिया जा रहा था शराब में थोड़ा जहर मुझे
Shreedhar
3202.*पूर्णिका*
3202.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नववर्ष है, नव गीत गाएँ..!
नववर्ष है, नव गीत गाएँ..!
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए हैं उसके लिए हम जिम्मेवार नहीं ह
जिस शरीर के साथ हम पैदा हुए हैं उसके लिए हम जिम्मेवार नहीं ह
ललकार भारद्वाज
बर्षो बीते पर भी मन से,
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिकायत करें भी तो किससे करें हम ?
शिकायत करें भी तो किससे करें हम ?
Manju sagar
जंग जीत कर भी सिकंदर खाली हाथ गया
जंग जीत कर भी सिकंदर खाली हाथ गया
VINOD CHAUHAN
गीत- हरपल चाहूँ तुझे निहारूँ...
गीत- हरपल चाहूँ तुझे निहारूँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मम्मी! आ जाओ न
मम्मी! आ जाओ न
Rashmi Sanjay
कुर्बतों में  रफ़ाकत   थी, बहुत   तन्हाइयां थी।
कुर्बतों में रफ़ाकत थी, बहुत तन्हाइयां थी।
दीपक झा रुद्रा
चीखें अपने मौन की
चीखें अपने मौन की
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
राम
राम
हरवंश हृदय
कितना भी कर लीजिए, सांसों को पाबंद
कितना भी कर लीजिए, सांसों को पाबंद
RAMESH SHARMA
सागर ने जब जब हैं  हद तोड़ी,
सागर ने जब जब हैं हद तोड़ी,
अश्विनी (विप्र)
मुझे ना पसंद है*
मुझे ना पसंद है*
Madhu Shah
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान राम। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भगवान राम। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
यह सच है कि मैंने------------
यह सच है कि मैंने------------
gurudeenverma198
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
वण्डर गर्ल
वण्डर गर्ल
Dr. Kishan tandon kranti
भ्रष्टाचार (14)
भ्रष्टाचार (14)
Mangu singh
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
बचपन के मुस्कुराते जिद्दी चेहरे
बचपन के मुस्कुराते जिद्दी चेहरे
Anant Yadav
वो हमें भी तो
वो हमें भी तो
Dr fauzia Naseem shad
Loading...