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13 Apr 2025 · 1 min read

*छोटी कविताएं*

# बिछड़ने के बाद

छुपाकर
मुस्कुराहटें,
खामोशियां
चेहरे बदलकर
किसी मोड़ पर
लोग
कभी कभी मिल ही जाते है
बिछड़ने के बाद भी

# सफ़र

अनकही बातों का सफ़र
ताउम्र चलता रहेगा
क्योंकि प्रतीक्षा
हमें जिनकी है
उन्हें किसी और की है
आखिर कैसे कह दे
बिन मुलाकात के
अलविदा

# इंतज़ार

ये इंतज़ार
पागलपन है
आंखों की तड़पन है
दिल की बेबसी है
जबकि पता है
नहीं आओगे तुम

# तुम तक

अनगिनत
भावनाओं की नदियां
हृदय के पर्वत से
निकलती है
कभी
मन बादल की तरह
आवारा हो जाता है
केवल तुम तक
आने को

✍️ दुष्यंत कुमार पटेल

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