बुद्धिमानी केवल इसमें है,

बुद्धिमानी केवल इसमें है,
पेड़ लगाएं सब मिलकर,
, हरियाली हो हर धरा पर,
यदि हम ना संभल सकें ,
तो सर्वनाश हो जाएगा ।
कण –कण जीव जगत का,
मिट्टी में मिल जाएगा ।
काल शेष अब भी है ,
यदि आज सुधर तुम जाओ,
ईश्वर की संतानों को तुम
कभी नहीं तड़पाओ।।
. कवि — अमन कुमार ( सागर विश्वविद्यालय)