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10 Apr 2025 · 1 min read

नि: शब्द जीव

नि:शब्द जीव —

वृक्ष को बचाओगे ,
स्वच्छ हवा तुम पाओगे ,
पृथ्वी की श्रृंगार है जंगल ,
जीवों का आधार है जंगल
वन वर्षा को बुलाते है ,
सर्वत्र हवा फैलाते हैं,
नि: शब्द नदियों को बचाओ,
जीवों को बली ना चढ़ाओ,
धरती, अंबर करें पुकार,
पर्यावरण सुरक्षा करो अपार,
मानव जीवन है खतरे में,
बेजुबानों पर हो रहे हैं अत्याचार,
अब आगे ना आएंगे,
सभी बड़ा पछताएंगे,
बुद्धिमानी केवल इसमें है,
पेड़ लगाएं सब मिलकर,
, हरियाली हो हर धरा पर,
यदि हम ना संभल सकें ,
तो सर्वनाश हो जाएगा ।
कण –कण जीव जगत का,
मिट्टी में मिल जाएगा ।
काल शेष अब भी है ,
यदि आज सुधर तुम जाओ,
ईश्वर की संतानों को तुम
कभी नहीं तड़पाओ।।

. कवि — अमन कुमार ( सागर विश्वविद्यालय)

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