उजड़े चमन का रैन बसेरा हूं,

उजड़े चमन का रैन बसेरा हूं,
उड़ते पंछी का सहारा हूं।
मैं शाम नहीं सबेरा हूं,
बस एक अकेला …… हूं।।
@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।
उजड़े चमन का रैन बसेरा हूं,
उड़ते पंछी का सहारा हूं।
मैं शाम नहीं सबेरा हूं,
बस एक अकेला …… हूं।।
@जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।