लाश मेरी यहाॅं से ले जाना

लाश मेरी यहाॅं से ले जाना
शहर से दूर मुझको दफ़नाना।
मैं तुझे देखूॅं गैर का होते
इससे बेहतर मेरा मर जाना।
मैं तेरा हूँ तेरा रहूॅंगा और
तू मेरा है मैंने कब माना?
जानते हो दीवानगी की हद?
जाननी हो तो मेरे घर आना।
खुदकुशी चाहता है दिल लेकिन
इतना आसां नहीं है कर पाना।
छोड़कर जा रही हो, जाओ! पर,
इस दफ़ा लौट कर नहीं आना।
शुभम आनंद मनमीत