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6 Apr 2025 · 1 min read

खुद को भुला दिया था,

खुद को भुला दिया था,
किसी के सपने संवारने में।
वो तो ये समझ बैठे,
हमारे अरमान ही नहीं हैं।

चलना सिखाया जिसको,
काटों भरी डगर पे।
वो कहते हैं जा रहे है,
अपनी मंजिल संवारने।

श्याम सांवरा…..

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