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6 Apr 2025 · 1 min read

राही चलते जाना है।

राही चलते जाना है।
अगला कदम मंजिल पर ले जाना है।
जीवन जो उम्र का सफर,
सुख-दुख संजोए जाना है।
राही चलते जाना है।
बड़ी दूर मंजिल, रास्ता पुराना है।
राही चलते जाना है।
कुछ नहीं साथ, ना कुछ हाथ
प्रथम प्रयास अपना पग, पथ पर लाना है।
राही चलते जाना है।
अगला कदम मंजिल पर ले जाना है।
जीवन जो उम्र का सफर, एक दिन ढल जाना है।
डॉ .सीमा कुमारी, स्वरचित रचना है मेरी जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं 5-4-025को ।

Language: Hindi
52 Views
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