रामनवमी की शुभ बेला

चैत्र मास की नवमी आई,
संग सौभाग्य और सुख लाई।
अयोध्या नगरी हुई उजियारी,
राम लला की हुई सवारी।
धूप चंदन, फूलों की माला,
जय श्रीराम गूंजे आला।
जनकनंदिनी की मुस्कान सी,
छा गई खुशी हर एक द्वार सी।
दशरथ नंदन, रघुकुल तारे,
दुष्टों का संहार तुम्हारे।
धरती पर जब छाए अंधेरे,
तुम ही आए बनकर सवेरा।
राम नाम का सुमिरन करके,
हर दिल पाता चैन है भरके।
रामनवमी पर करे प्रण यह,
धर्म, प्रेम और सत्य पथ कह।