"फुटबॉल" की नियति लात खाना ही है। इधर आए तो भी, उधर जाए तो भ
“फुटबॉल” की नियति लात खाना ही है। इधर आए तो भी, उधर जाए तो भी। उसे सोचना चाहिए कि वो हाथों-हाथ लपकी जाने वाली “हैंड बॉल” क्यों नहीं बन पाई।
🙅प्रणय प्रभात🙅
“फुटबॉल” की नियति लात खाना ही है। इधर आए तो भी, उधर जाए तो भी। उसे सोचना चाहिए कि वो हाथों-हाथ लपकी जाने वाली “हैंड बॉल” क्यों नहीं बन पाई।
🙅प्रणय प्रभात🙅