Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2025 · 2 min read

पुरुषोत्तम कहलाना है

विष्णु के वो एक अवतार है, श्री राम जन जन के पालनहार हैं
कौशल्या के लाल दशरथ नंदन, सारे जगत की सरकार हैं
पुरुषोत्तम कहलाना है तो कुछ नहीं,बस मर्यादा में रहना होगा
मर्यादा में मैं बहुत नहीं बस नारी का सम्मान, अपनों की बातों का मन, और सत्य पर चलना होगा
मर्यादा में भी बहुत नहीं बस दुष्कर्मों के रावण से, अधर्म और पाप से, अत्याचार और अन्याय से लड़ना होगा
खुद की मां के कहने पर सिंहासन त्यागना होगा, राज्य अभिषेक से पहले 14 वर्षों तक वन वन भटकना होगा
पुरुषोत्तम कहलाना है तो कुछ नहीं बस मर्यादा में रहना होगा

मर्यादा में भी बहुत नहीं सत्कर्म ही करना होगा धर्म पर चलना होगा
धर्म के लिए कभी विभीषण को लंका भेदी करना होगा
प्राणों से प्यारी अपनी सीता की भी अग्नि परीक्षा लेनी होगी
भाई के लाख बुलावे पर अयोध्या की प्रजा की आवे पर भी बाप की बात का मान रखना होगा
भले ही खड़ाऊ करले राज्य अयोध्या पर, पर खुद 14 वर्षों बाद अयोध्या आना होगा
पुरुषोत्तम कहलाना है तो कुछ नहीं बस मर्यादा में रहना होगा
मर्यादा में भी कुछ नहीं, जिनके जीवन में राजकुमार सा सुख उनको वन की कुटिया में रखना होगा
सत्य जानते हुए भी ना जानों कुछ, कुछ ऐसा भाव रखना होगा
मां सीता की वीर कथा,मां सीता की राम कथा अपने ही पुत्रों के सुर सुनना होगा
अपने पुत्रों की वीर कथा सुनाने को युद्ध का अवघोष करना होगा
अपने पुत्र लव कुश से ज्यादा अपने शिष्य हनुमान को वीर कहना होगा
पुरुषोत्तम कहलाना है तो कुछ नहीं बस मर्यादा में रहना होगा
मर्यादा में भी कुछ नहीं बस रामराज
रामराज्य भी कुछ नहीं, राम सा आचरण रखना
कुछ भी करने से पहले जय श्री राम कहना होगा
मर्यादा में भी कुछ नहीं,सियाराम सा सहना होगा सियाराम सा रहना होगा

1 Like · 60 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

😢
😢
*प्रणय प्रभात*
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
बेबसी जब थक जाती है ,
बेबसी जब थक जाती है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
संपूर्ण विश्व का आधा भाग महिलाएं हैं, उनके प्रति उपेक्षिता ए
संपूर्ण विश्व का आधा भाग महिलाएं हैं, उनके प्रति उपेक्षिता ए
इशरत हिदायत ख़ान
" दिल "
Dr. Kishan tandon kranti
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
कल तेरे नाम से दुनिया ने मुझको जाना था,
कल तेरे नाम से दुनिया ने मुझको जाना था,
Phool gufran
Real smile.
Real smile.
Priya princess panwar
चाहे जितनी देर लगे
चाहे जितनी देर लगे
Buddha Prakash
यूं बहाने ना बनाया करो वक्त बेवक्त मिलने में,
यूं बहाने ना बनाया करो वक्त बेवक्त मिलने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मानव जीवन लक्ष्य क्या
मानव जीवन लक्ष्य क्या
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
उसके जाने से
उसके जाने से
Minal Aggarwal
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
Surinder blackpen
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
मुहब्बत है साहब तिजारत नहीं है
मुहब्बत है साहब तिजारत नहीं है
Mahesh Tiwari 'Ayan'
आने वाला कल
आने वाला कल
Kaviraag
"रक्षाबंधन"
Shashi kala vyas
मन का द्वंद  कहां तक टालू
मन का द्वंद कहां तक टालू
Shubham Pandey (S P)
कही-अनकही
कही-अनकही
Deepesh Dwivedi
घर का
घर का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रेम दया वैसे रहे,
प्रेम दया वैसे रहे,
संजय निराला
चलो ! चलें उस सफ़र पर
चलो ! चलें उस सफ़र पर
Shubham Anand Manmeet
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
Superstar in Aquarium
Superstar in Aquarium
Deep Shikha
लोग कहते ही दो दिन की है ,
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
हमें क्या पता मौत को गले लगाने जा रहे थे....😥😥😥
हमें क्या पता मौत को गले लगाने जा रहे थे....😥😥😥
Harminder Kaur
जाने  क्यों  तुमसे  हो  गई दूरी,
जाने क्यों तुमसे हो गई दूरी,
Dr fauzia Naseem shad
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
sushil sarna
नया सूरज
नया सूरज
Ghanshyam Poddar
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
भानू भी करता है नित नई शुरुवात,
पूर्वार्थ
Loading...