Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2025 · 1 min read

*पेड़-पौधे*

पेड़-पौधे

पेड़-पौधे पास हमारे,
होते कितने प्यारे-प्यारे।
लगते मुझको सबसे न्यारे,
सुंदर फल मिलते हैं सारे।
फूल खिलते सुंदर-सुंदर,
रहते इन पर चिड़िया बंदर।
पेड़-पौधे हैं बहुत जरूरी,
लगाने से इच्छा होगी पूरी।
लकड़ी मिलती वर्षा कराते,
जमीन कटने से ये बचाते।
दवाई मिलती झूला झूलें,
खेलें इन पर समायें न भूलें।
पेड़ पौधों की बात निराली,
हरी-हरी दिखें हैं डाली।
रंग-बिरंगे फूल निराले,
जामुन लटके काले-काले।
खट्टे मीठे रसीले फल,
पेड़ों से है हमारा कल।।

1 Like · 43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dushyant Kumar
View all

You may also like these posts

ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಗೀಚಕಿ
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
*बल गीत (वादल )*
*बल गीत (वादल )*
Rituraj shivem verma
इतिहास जानता था कि अब वो जाने वाली है
इतिहास जानता था कि अब वो जाने वाली है
Jitendra kumar
"कौन है जिसे"
Dr. Kishan tandon kranti
सब कुछ देख लिया इस जिंदगी में....
सब कुछ देख लिया इस जिंदगी में....
ruchi sharma
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
*वृद्ध-जनों की सॉंसों से, सुरभित घर मंगल-धाम हैं (गीत)*
Ravi Prakash
शिव तेरा नाम
शिव तेरा नाम
Swami Ganganiya
अब मन नहीं करता किसी से बात करने का, एक खामोशी सी आ गई है जि
अब मन नहीं करता किसी से बात करने का, एक खामोशी सी आ गई है जि
पूर्वार्थ देव
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
कहानी घर-घर की
कहानी घर-घर की
Brijpal Singh
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
भरत कुमार सोलंकी
3509.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3509.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
लौट जायेंगे हम (कविता)
लौट जायेंगे हम (कविता)
Indu Singh
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
जन्मदिन की बधाई
जन्मदिन की बधाई
अभिनव मिश्र अदम्य
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सुकून-ए-दिल को ज़रा सा
सुकून-ए-दिल को ज़रा सा
Dr fauzia Naseem shad
दोहे - डी के निवातिया
दोहे - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
कष्ट का कारण
कष्ट का कारण
अवध किशोर 'अवधू'
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa'
Vijay kumar Pandey
वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपक
वही व्यक्ति आपका मित्र है जो आपकी भावनाओं की कद्र करे और आपक
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
जीवन के पहलू
जीवन के पहलू
Divakriti
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
Neelofar Khan
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
sushil sarna
Anxiety fucking sucks.
Anxiety fucking sucks.
पूर्वार्थ
कुछ कुंडलियां
कुछ कुंडलियां
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
अहंकार एक ऐसे ज्वर के समान है जिसके उतरने के बाद ही नैतिकता,
अहंकार एक ऐसे ज्वर के समान है जिसके उतरने के बाद ही नैतिकता,
Rj Anand Prajapati
Loading...