Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2025 · 1 min read

संगिनी

जब संध्या की चूनर ढलती,
तब रात्रि धीरे से आती,
थके पलों को लेकर गोद में,
मधुर थपकी सी है दे जाती।

जीवन की राहों में संगिनी,
जैसे हो रात्रि का साया,
हर दर्द को चुपके से समेटे,
स्नेह का जैसे दीप जलाया।

कभी चाँदनी बन मुस्काए,
कभी अँधेरों में है संग चले,
सुख-दुःख की हर डगर पर,
साथ निभाए, संग ही ढल जाए।

रात्रि की शीतल छाया में,
जीवन-संगिनी का हो प्यार,
जैसे तारे झिलमिलाते,
हर अँधेरे को कर उजियार।

साथ तुम्हारा हो प्रियतम,
तो रात्रि भी हमको सजीव सी लगे,
तेरी बाहों का यह बंधन जैसे,
चिर-सपनों के संगीतो से सजे ।

40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शिक्षा होने से खुद को  स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
शिक्षा होने से खुद को स्वतंत्र और पैसा होने से खुद को
पूर्वार्थ
तितलियां
तितलियां
Adha Deshwal
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
എങ്ങനെ ഞാൻ മറക്കും.
Heera S
अब जख्म बोलता है,मैं नहीं।
अब जख्म बोलता है,मैं नहीं।
लक्ष्मी सिंह
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
Ranjeet kumar patre
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
वेलेंटाइन डे स्पेशल
वेलेंटाइन डे स्पेशल
Akash RC Sharma
कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ?
कैसे मैं खुशियाँ पिरोऊँ ?
Saraswati Bajpai
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
मुहब्बत-एक नज़्म
मुहब्बत-एक नज़्म
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
इस जीवन का क्या है,
इस जीवन का क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लोकतंत्र
लोकतंत्र
विशाल शुक्ल
दोहा चौका. . . .
दोहा चौका. . . .
sushil sarna
सहती हुई नारी तो
सहती हुई नारी तो
Dr fauzia Naseem shad
4789.*पूर्णिका*
4789.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधखिली यह कली
अधखिली यह कली
gurudeenverma198
मैं समय की रेत हूॅ॑
मैं समय की रेत हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
मनुष्य भी जब ग्रहों का फेर समझ कर
Paras Nath Jha
" हिम्मत "
Dr. Kishan tandon kranti
सोच लो फिर कि मुझ सा दीवाना
सोच लो फिर कि मुझ सा दीवाना
Neeraj Naveed
......,,,,
......,,,,
शेखर सिंह
Education
Education
Mangilal 713
*नूतन वर्ष व नवरात्रि की मंगलकामनाएं*
*नूतन वर्ष व नवरात्रि की मंगलकामनाएं*
*प्रणय प्रभात*
चॉकलेट से भी मीठा है तेरा प्यार,
चॉकलेट से भी मीठा है तेरा प्यार,
srikanth dusija
माँ मेरी जान
माँ मेरी जान
डिजेन्द्र कुर्रे
REBEL
REBEL
Durva
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
SUNIL kumar
जिंदगी और मौत
जिंदगी और मौत
OM PRAKASH MEENA
मुझे पसन्द  नहीं...
मुझे पसन्द नहीं...
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...