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3 Apr 2025 · 1 min read

दोहा

दोहा
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बोल संभल कर बोलिए, शब्द बाण गम्भीर।
और घाव भर जात सब, इनकी मिटत न पीर।।

राज शब्द अनमोल है, कीमत लो पहचान।
यही सजाऐं मौत दें, यही बचाते जान।।

~राजकुमार पाल (राज)✍🏻
(स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित)

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